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शुक्ल यजुर्वेद संहिता

शुक्ल यजुर्वेद (संस्कृत, देवनागरी लिपि) में पाई गई वाजसनेयी संहिता का एक पृष्ठ। पांडुलिपि का यह संस्करण गणेश और सदाशिव ( शैव धर्म ) को नमस्कार के साथ शुरू होता है। यजुर्वेद को मोटे तौर पर दो भागों में बांटा गया है -
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शुक्ल यजुर्वेद, जिसे वाजसनेयी संहिता भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह यजुर्वेद के "सफेद" संस्करण का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें विभिन्न यज्ञों और अनुष्ठानों के लिए मंत्र शामिल हैं। इसके प्रारंभ में गणेश और सदाशिव को नमस्कार करना दर्शाता है कि शास्त्रों में साधना और आराधना का कितना महत्व है।

यजुर्वेद को सामान्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है: कृष्ण यजुर्वेद, जिसमें अधिकतम ध्यान वाचक और विशेषण पर है, और शुक्ल यजुर्वेद, जो मंत्रों के प्रवाह और विधियों को स्पष्ट करता है। इस ग्रंथ के अध्ययन से धार्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक पहलुओं को समझने में मदद मिलती है।