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पराशरी ज्योतिष फलित

फलित ज्योतिष, ज्योतिष विज्ञान का एक अंग है. इसमें ग्रहों, तारों, और आकाशगंगाओं की स्थिति के आधार पर भविष्य के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाती है. ज्योतिष के बारे में कुछ और बातेंः ज्योतिष शब्द का अर्थ है, ग्रह और नक्षत्रों से जुड़ी विद्या. ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों, और काल का बोध कराया जाता है. ज्योतिष में ग्रहों और नक्षत्रों के स्वरूप, संचार, परिभ्रमण काल, ग्रहण, और स्थिति से जुड़ी घटनाओं का वर्णन किया जाता है. ज्योतिष में शुभाशुभ फल बताए जाते हैं. ज्योतिष में कुंडली मिलान, ग्रहों की दशाओं का अनुभव, राशि फल, नक्षत्रों के प्रभाव, और ज्योतिषीय उपाय जैसे कई तकनीकें शामिल हैं. ज्योतिष का इस्तेमाल व्यक्तिगत जीवन, व्यापार, परिवार, और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में निर्णय लेने के लिए किया जाता है. ज्योतिष एक विवादित विषय है. कुछ लोग इसे अपने जीवन के मार्गदर्शन के एक साधन के रूप में मानते हैं, जबकि दूसरे यह मानते हैं कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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**फलित ज्योतिष** (Predictive Astrology) वास्तव में ज्योतिष विज्ञान का वह अंग है, जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों और अन्य आकाशीय पिंडों की स्थिति का अध्ययन करके व्यक्ति के भविष्य के बारे में अनुमान और जानकारी दी जाती है। इस शास्त्र के अनुसार, आकाशीय घटनाएं और ग्रहों का विशेष प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है, और इन प्रभावों के आधार पर जीवन की विभिन्न परिस्थितियाँ, घटनाएँ और अनुभव पूर्वनिर्धारित होते हैं।

### **ज्योतिष का अर्थ और परिभाषा**:

- **ज्योतिष** शब्द संस्कृत के दो शब्दों **"ज्योति"** (जोति या प्रकाश) और **"इश"** (ईश्वर या भगवान) से उत्पन्न हुआ है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है **"प्रकाश की विद्या"** या **"ग्रहों और नक्षत्रों से जुड़ी विद्या"**।
- यह एक प्राचीन विज्ञान है जो **ग्रहों, नक्षत्रों, और आकाशीय पिंडों के प्रभाव** के आधार पर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने का प्रयास करता है।

### **फलित ज्योतिष के प्रमुख सिद्धांत**:

1. **ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव**:
   - फलित ज्योतिष में ग्रहों और नक्षत्रों के अस्तित्व और उनकी स्थिति का गहरा प्रभाव माना जाता है। प्रत्येक ग्रह और नक्षत्र का **व्यक्तिगत जीवन**, **स्वास्थ्य**, **व्यापार**, **संपत्ति** और **संबंधों पर प्रभाव** पड़ता है।
   - उदाहरण के लिए, **मंगल** का प्रभाव **शक्ति** और **उत्साह** से जुड़ा होता है, जबकि **बृहस्पति** का प्रभाव **ज्ञान** और **धन** से जुड़ा होता है।

2. **कुंडली का महत्व**:
   - **कुंडली** या **जन्म पत्रिका** को **फलित ज्योतिष** का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। यह कुंडली व्यक्ति के जन्म के समय आकाशीय ग्रहों की स्थिति का विवरण देती है।
   - **राशि कुंडली**, **नक्षत्र कुंडली**, और **दशा** कुंडली के माध्यम से ज्योतिषी व्यक्ति की **भविष्यवाणी** करते हैं। इसमें ग्रहों की **दशाएँ** (ग्रहों की अवधि), **महादशाएँ**, और **अन्तर्दशाएँ** का विशेष महत्व होता है।

3. **शुभ-अशुभ फल**:
   - **फलित ज्योतिष** में ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभावों का विवरण किया जाता है। ग्रहों की स्थिति से यह निर्धारित किया जाता है कि **किस समय शुभ कार्य करना चाहिए** और **कब बचना चाहिए**।
   - ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए **उपाय** और **व्रत** सुझाए जाते हैं, जैसे **ग्रहों के मंत्रों का जाप**, **तंत्र-मंत्र साधना**, और **दान करना**।

4. **राशि और नक्षत्रों का प्रभाव**:
   - ज्योतिष में प्रत्येक व्यक्ति की जन्म तिथि के अनुसार उसकी **राशि** (12 राशियाँ) और **नक्षत्र** (27 नक्षत्र) निर्धारित होती हैं। प्रत्येक राशि और नक्षत्र का अपना विशिष्ट प्रभाव होता है, जो व्यक्ति की जीवन यात्रा को प्रभावित करता है।
   - **राशि फल** (Zodiac signs) के आधार पर जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी की जाती है, जैसे **व्यक्तित्व**, **स्वास्थ्य**, **आर्थिक स्थिति**, **संवेदनशीलताएँ**, और **जीवन साथी**।

5. **कुंडली मिलान**:
   - **कुंडली मिलान** एक अत्यंत महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विधि है, जिसे **विवाह से पहले** किया जाता है। इसके द्वारा यह पता किया जाता है कि दोनों पक्षों की कुंडलियाँ आपस में कितनी मेल खाती हैं और क्या विवाह के बाद जीवन सुखमय रहेगा या नहीं।
   - कुंडली मिलान में ग्रहों की स्थिति, नक्षत्रों के प्रभाव और विशेष रूप से **गुण मिलान** (अष्टकूट मिलान) की जाँच की जाती है।

6. **ग्रहों की दशाएँ**:
   - **ग्रहों की दशाएँ** और उनकी **महादशाएँ** व्यक्ति के जीवन में विभिन्न घटनाओं और परिवर्तन के समय को निर्धारित करती हैं।
   - **सातवीं महादशा** (सप्तमांश) के दौरान, व्यक्ति के जीवन में **संबंधों** या **विवाह** के विषय में घटनाएँ घट सकती हैं।
   - **संतान सुख**, **वित्तीय स्थिति**, और **स्वास्थ्य** में सुधार या उतार-चढ़ाव का भी आकलन किया जाता है।

7. **ज्योतिषीय उपाय**:
   - **फलित ज्योतिष** में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए विशेष **उपाय** सुझाए जाते हैं। इन उपायों में **मंत्र जाप**, **दान**, **व्रत**, और **रुद्राभिषेक** जैसी साधनाएँ शामिल हैं।
   - किसी ग्रह के **शांत** करने के लिए उसे **किश्मत बदलने वाला उपाय** दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर **शुक्र ग्रह** अशुभ है तो **दूध से शिवलिंग का अभिषेक** करने की सलाह दी जाती है।

8. **व्यक्तिगत जीवन, व्यापार और पारिवारिक निर्णय**:
   - ज्योतिष का उपयोग व्यक्तिगत जीवन के निर्णय, **व्यापार** में **सफलता** और **पारिवारिक कलह** को सुलझाने के लिए किया जाता है। व्यक्ति की जन्मकुंडली और ग्रहों की स्थिति से यह समझा जाता है कि **क्या समय अच्छा है** और **क्या समय बुरा है**।

### **ज्योतिष का विवादित पहलू**:

- हालांकि ज्योतिष को एक प्राचीन विज्ञान माना जाता है, लेकिन यह विषय हमेशा **विवादों** के घेरे में रहा है। कुछ लोग इसे **सत्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण** से मानते हैं, जबकि दूसरों का मानना है कि ज्योतिष के प्रभाव का कोई **विज्ञान** नहीं है, और यह सिर्फ एक **मानव आस्था** और **मानसिक संतोष** का साधन है।
- आधुनिक विज्ञान और भौतिकवादी दृष्टिकोण से ज्योतिष का कोई ठोस **वैज्ञानिक प्रमाण** नहीं है, लेकिन यह सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत विश्वासों का हिस्सा बना हुआ है।

### **निष्कर्ष**:
**फलित ज्योतिष** एक प्राचीन और अत्यंत प्रभावशाली विद्या है, जो ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के आधार पर व्यक्ति के जीवन की घटनाओं का अनुमान लगाने की कोशिश करती है। यह व्यक्ति को अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में मार्गदर्शन देने का एक साधन है, लेकिन इसे एक **विज्ञान** की बजाय **विश्वास** और **आस्था** के रूप में लिया जाता है। इसे व्यक्तिगत, सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं के समाधान के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव भी है।