Follow us:

*ग्रह शांति पूजा

ग्रह शांति पूजा, नवग्रहों की शांति के लिए की जाने वाली पूजा और अनुष्ठानों का एक समूह है. यह पूजा करने के कई उद्देश्य हो सकते हैं: शादी से पहले, दूल्हा-दुल्हन देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए ग्रह शांति पूजा करते हैं. किसी व्यक्ति या परिवार को गृह दोषों से मुक्त करने के लिए ग्रह शांति पूजा की जाती है. किसी इमारत, ज़मीन, आवासीय परिसर, या व्यवसाय से प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के लिए ग्रह शांति पूजा की जाती है. शनि के अशुभ प्रभावों से उबरने के लिए ग्रह शांति पूजा की जाती है. जीवन से बाधाओं और समस्याओं को दूर करने के लिए ग्रह शांति पूजा की जाती है. जटिल मुद्दों को हल करने, धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि बनाने के लिए ग्रह शांति पूजा की जाती है. ग्रह शांति पूजा के लिए, सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ़ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद, नवग्रहों की मूर्ति के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करना चाहिए. ग्रह शांति के लिए कुछ मंत्र ये रहे: सूर्य मंत्र: ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः, चंद्र मंत्र: ॐ
Enroll Now
image
ग्रह शांति पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो नवग्रहों की कृपा प्राप्त करने और उनके अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए की जाती है। आपने इसके उद्देश्य और कुछ प्रारंभिक विधियों का बहुत अच्छा वर्णन किया है। 

### ग्रह शांति पूजा के लाभ:
- **शांति और संतुलन**: यह पूजा जीवन में शांति और संतुलन लाने में सहायक होती है।
- **सकारात्मक ऊर्जा**: ग्रह शांति पूजा से घर या व्यवसाय में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- **धन और स्वास्थ्य**: यह पूजा समृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी लाभदायक मानी जाती है।

### पूजा की विधि:
1. **स्नान और शुद्धता**: पूजा करने से पहले सुबह जल्दी स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए।
   
2. **आसन लगाना**: नवग्रहों की मूर्ति या चित्र के सामने एक स्वच्छ आसन बिछाकर बैठें।

3. **मंत्र जाप**: रुद्राक्ष की माला से निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

   - **सूर्य मंत्र**: 
     \[
     ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
     \]
   - **चंद्र मंत्र**: 
     \[
     ॐ सोम सोमाय नमः
     \]
   - **मंगल मंत्र**: 
     \[
     ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगलाय नमः
     \]
   - **बुध मंत्र**: 
     \[
     ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
     \]
   - **गुरु मंत्र**: 
     \[
     ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरु देवाय नमः
     \]
   - **शुक्र मंत्र**: 
     \[
     ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
     \]
   - **शनि मंत्र**: 
     \[
     ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
     \]
   - **राहु मंत्र**: 
     \[
     ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
     \]
   - **केतु मंत्र**: 
     \[
     ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
     \]

4. **प्रसाद अर्पण**: पूजा के बाद नवग्रहों को प्रसाद अर्पित करें और किसी जरूरतमंद को भी दान दें।

5. **आरती**: अंत में नवग्रहों की आरती करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

ग्रह शांति पूजा करते समय मन को एकाग्र रखना और श्रद्धा भाव से पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप इस पूजा के किसी विशेष पहलू के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया बताएं!